
कानपुर/ उप्र. कानपुर का ऐतिहासिक गंगा मेला पूरे भारत में एकमात्र अलग छवि, उत्साह के साथ देखने को मिलता है । यह ऐतिहासिक प्रथा होली पर करीब 84 साल से गंगा मेला की परम्परा के रूप में कायम है। जहां विगत कई वर्षों से पत्रकारों, अधिवक्ताओं व समाजसेवियों के साथ पूरे भारत में एक बेहतर छवि के रूप में कार्यरत राष्ट्रीय संगठन नेशनल मीडिया प्रेस क्लब अपना कैंप कार्यालय बनाकर आए हुवे लाखों श्रद्धालुओं, पत्रकारों , अधिवक्ताओं, सामाजिक प्रतिनिधियों, सभी सम्मानित सांसद, विधायक, मंत्री, प्रशासनिक अधिकारियों सहित गंगा मेला में शिरकत करने वाले सभी अतिथियों का अपने कैंप कार्यालय में ज़ोरदार स्वागत एवं सम्मान के साथ गले मिलकर, फूलमाला के साथ गुलाल लगाकर स्वागत एवं अभिनंदन करता है । इस गंगा मेला में सभी राजनेता वैचारिक मतभेद के बावजूद भी एक दूसरे से उत्साह पूर्वक मिलकर एक दूसरे को बधाई देते नजर आए।

आपको बता दें कानपुर शहर में होली के बाद सात दिन तक रंग खेला जाता है और सातवें दिन गंगा मेला का आयोजन होता है। इसके पीछे स्वतंत्रता आंदोलन की कहनी है लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं कि यह परंपरा पहले से थी। इसके विषय में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं, हालांकि शहर में गंगा मेला पर होली खेलने की सन् 1942 की कहानी अधिक चर्चित है जो ब्रिटिश शासन से जुड़ा है, जब कानपुर के 47 क्रांतिकारियों को जेल में बंद कर दिया गया था ऐसा कहा जाता है कि सन 1942 में ब्रिटिश सरकार ने होली खेलने पर बैन लगाकर व्यापारियों पर लगान बढ़ा दी, जिसके खिलाफ कानपुर के क्रांतिकारियों ने जंग छेड़ दी। अंग्रेज कलेक्टर ने उन क्रांतिकारियों को जेल में डाल दिया, इसके बाद गुस्साए कानपुर वासियों ने आजादी का बिगुल फूंक दिया और चारो तरफ प्रदर्शन करने शुरू कर दिए। क्रांतिकारियों की गिरफ्तारी पर शहर में प्रदर्शन शुरू हुए और पूरे शहर में भयंकर होली खेली गई, ग्रामीणों ने ऐलान किया गया कि जब तक वे उन क्रांतिकारियों/जमीदारों को नहीं छोड़ेंगे तब तक लगातार होली खेली जाएगी। प्रदर्शन से परेशान होकर अंत में अंग्रेजों ने हारकर अपना फैसला बदला और जेल से क्रांतिकारियों/जमींदारों को छोड़ने के साथ ही लगान भी माफ करनी पड़ी। इसी खुशी में ग्रामीणों ने रंग और गुलाल से यहां होली खेलने की शुरुआत की। जिस दिन ब्रिटिश सरकार द्वारा वे क्रांतिकारी/जमींदार छोड़े गए उस दिन अनुराधा नक्षत्र था, जिसकी वजह से हर साल अनुराधा नक्षत्र के दिन गंगा मेला मनाया जाता है. इस साल गंगा मेला की 83वीं वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।

आज नेशनल मीडिया प्रेस क्लब द्वारा इस ऐतिहासिक गंगा मेला के शुभ अवसर पर मेले में पधारे सभी सम्मानित शासन प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों, सामाजिक प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों, पत्रकारों अधिवक्ताओं के साथ साथ मेले में पधारे समस्त सम्मानित श्रद्धालुओं का ख़ुशी खुशी स्वागत एवं सम्मान किया गया, संगठन की तरफ से मेले में पधारे समस्त दर्शकों के लिए निःशुल्क जलपान की व्यवस्था भी की गई थी।

नेशनल मीडिया प्रेस क्लब कैंप कार्यालय में प्रमुख रूप से कानपुर सांसद रमेश अवस्थी एवं अकबरपुर लोकसभा सांसद पुत्र विकास सिंह भोले, विधायिका नीलिमा कटियार, विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक महेश त्रिवेदी, विधायक अमिताभ वाजपेयी, कानपुर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार सहित सैकड़ों शासन प्रशासन के अधिकारी व जन प्रतिनिधियों, पत्रकारों , अधिवक्ताओं का स्वागत एवं सम्मान किया गया।


नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के कैंप कार्यालय में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष एम डी शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सलाहकार एडवोकेट ज्ञानेन्द्र कटियार, राष्ट्रीय सलाहकार एडवोकेट राहुल पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री ठाकुर अंजली सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉक्टर बलबीर कपाड़िया, खुलासा कानपुर संपादक संजय शर्मा, मण्डल अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, अधिवक्ता मोर्चा मंडल अध्यक्ष एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर, मण्डल महामंत्री वीरेन्द्र शर्मा, मंडल उपाध्यक्ष महेश शास्त्री, मण्डल मीडिया प्रभारी संतोष कुशवाहा, जिला उपाध्यक्ष हामिद हुसैन, जिला कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र वर्मा, जिला संगठन मंत्री विष्णु ठाकुर, जिला मीडिया प्रभारी आमिर हुसैन, जिला प्रचार मंत्री बबिता वर्मा, जिला कार्यकारिणी रोहन गौतम व नितिन कुमार एवं विजय श्रीवास्तव, कानपुर देहात जिलाध्यक्ष शिवकरन शर्मा, सामाजिक क्लब मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र शुक्ला, सामाजिक क्लब जिला प्रचार मंत्री सीमा श्रीवास्तव, पूर्व जिला महामंत्री मोहम्मद जुनैद, पूर्व सूचना मंत्री अमर वर्मा, पूर्व जिला सचिव अनिल सिंह चौहान, एडवोकेट ब्रजेश सिंह, एडवोकेट प्रशांत मिश्रा, केशव तिवारी, हेमंत दुबे, मनीष सोनी, सतेन्द्र कुशवाहा, अनिल सैनी, राजेश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार अजय त्रिपाठी, राधा भाटिया, विपिन वर्मा, अमृतपाल सिंह, शिवम वर्मा सहित सैकड़ों सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित रहे और सभी को गंगा मेला की शुभकामनाएं प्रदान करते हुए एक दूसरे को गुलाल लगाकर गंगा मेला का आनंद प्राप्त किया।
